इस्लामाबाद की लाल मस्जिद के मौलानाओं ने शरीयत कानून लागू करने और संगीत पर पाबंदी लगाने की मांग के बाद वहां की पर्यटन मंत्री नीलोफर बख्तियार को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है। इन मौलानओं का कहना है कि नीलोफर ने फ्रांस में पैराग्लाइडिंग के दौरान 'अश्लील तरह से' तस्वीर खिंचवाई।
दैनिक डान की एक रिपोर्ट के मुताबिक लाल मस्जिद के दारुल अफ्ता ने जारी फतवे में कहा कि सरकार नीलोफर को सजा दे और बर्खास्त करे। मांग करने वाले मौलानाओं में अब्दुल अजीज और अब्दुर राशिद गाजी मुख्य हैं जिन्हें परवेज मुशर्रफ के प्रबुद्धतापूर्ण उदारवाद की कट्टर हिमायतियों में से जाना जाता है। इस मुद्दे को हल करने के लिए पाकिस्तान के वरिष्ठ नेताओं ने अजीज और गाजी से बंद कमरे में मुलाकात की है।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री शहनाज शेख का कहना है कि दारूल अफ्ता के पास किसी के खिलाफ फतवा जारी करने का अधिकार नहीं है। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की अध्यक्ष अस्मा जहांगीर ने कहा कि फतवा को कोई महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। अपनी मनमर्जी से कोई फतवा जारी करने का उनका क्या अधिकार है। बेनजीर भुट्टो की सूचना सचिव शेरी रहमान का कहना है कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। भारत में एक टीवी चैनल ने छुपे कैमरे से कुछ महीने पहले स्टोरी दिखाई थी जिसमें बताया गया था कि फतवे पैसे लेकर भी जारी किए जाते हैं।
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2 comments:
१. रोचक है.
२. मौलाना लोग "अश्लील फोटो" देखने के बारे में कुरान का उल्लंघन नही कर रहे थे?
३. “वाह मनी” के फोटो कभी आप को लपेट लेंगे फतवे की जद में!
४. इस ब्लॉग पर “वाह मनी” वाला प्रोफाइल - इस ब्लॉग का मकसद देश व समाज को शेयर बाजार की जानकारियां देकर मालदार बनाना - जम नहीं रहा.
मौलाना क्योंकर सुधरे ? क्या दुकान बंद करवानी है ? कहते हैं शैतान नज़र नहीं आते - अरे यही तो हैं वो सफेद लिबास धारे हुए। बहुत ज्लद इन्हें अपनी ख़ुदाई सिरीज़ मे खींचने वाला हूं।
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