हिंदी का विरोध करना सही...सिखाओं इस विधायक को सबक इस शीर्षक से दर्ज की गई खबर पूरी तरह ब्लॉग पर नहीं दिख रही है। इस ओर मेरा कई ब्लॉगर ने ध्यान खींचा है, इसके लिए धन्यवाद। यह खबर आज कोशिश होगी कि आपको पूरी तरह दिखे। हालांकि, मैं आपको बता दूं कि तमिलनाडु विधानसभा में एक एंग्लो इंडियन विधायक ने साफ कहा है कि हिंदी का विरोध होना चाहिए और वह इसके लिए डीएमके को धन्यवाद भी देते हैं। यदि हिंदी का विरोध नहीं हुआ तो वह तमिल और अंग्रेजी को चट कर जाएगी। पूरी खबर हर संभव जल्दी दर्ज की जाएगी।
तमिलनाडु में हिंदी लागू करने के विरोध को उचित ठहराते हुए राज्य विधानसभा में एंग्लो इंडियन सदस्य ने यह कहते हुए तमिलों से अंग्रेजी का विरोध नहीं करने की अपील की कि अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में यह उनके लिए उपयोगी साबित होगा। नामांकित सदस्य आस्कर सी निगली ने दावा किया कि हिंदी का विरोध करना गलत नहीं है क्योंकि यह भाषा तमिल और अंग्रेजी को नष्ट कर देगी। तमिल को सभी स्तरों पर माध्यम बनाए जाने की लगातार की जाने वाली मांग के जाहिरा तौर पर संदर्भ में कहा, लेकिन अंग्रेजी के विरोध को उचित नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि तमिल खुद तमिलनाडु में जीवित नहीं रहेगी। तमिलनाडु में स्कूली शिक्षा के सभी बोर्ड में समान पाठ्यक्रम लागू करने संबंधी राज्य सरकार के फैसले पर निगली ने सरकार से इस संपूर्ण मुद्दे को सावधानीपूर्वक विचार करने की राय दी। द्रमुक सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी इसे अल्पसंख्यक सरकार करार दे रहा है। मेरा मानना है कि वे ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यह अल्पसंख्यकों के लिए बनी सरकार है। उन्होंने कहा कि यह द्रमुक सरकार ही थी जिसने धर्मातरण विरोधी कानून को समाप्त किया जिसे पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार ने लागू किया था।
1 comment:
चिन्ता मत किजीये, कुछ नही होने वाला। तमिळनाडू की जनता इन नेताओ को खुब समझती है। तमिळनाडू मे हिन्दी विरोध दम तोड़ चूका है ! वो तो कुछ बुढे़ नेता है जो अभी भी हिन्दी विरोध का राग गाये जा रहे है।
नयी पिढी ना केवल हिन्दी सीखना और बोलना चाहती है, बल्कि सीख भी रही है।
आपकी जानकारी के लिये मै पिछले ५ वर्ष से चेन्नई मे हूं !
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