यदि देश के किसी नेता को यह पूछा जाए कि उसे चुनाव में केवल एक वोट अधिक न मिले तो क्या होगा, शायद पहली नजर में वह इसे नजरअंदाज कर दें और कह भी दें कि एक वोट उसे न मिला तो भी चलेगा क्योंकि वह बड़े अंतर से जीत का माद्दा रखता है। लेकिन यही बात यदि राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी से कोई पूछे कि एक वोट की कीमत क्या होती है। इस सवाल का जवाब जोशी से बेहतर शायद ही कोई नेता दे पाएगा जिसने उन्हें न केवल राज्य का मुख्यमंत्री बनने से अटका दिया बल्कि विधानसभा में बैठने से ही रोक दिया। राजसमंद जिले की नाथद्वारा सीट से जोशी चुनाव हार गए हैं। जोशी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शुमार थे। वे काफी दुर्भाग्यशाली रहे। वे केवल एक वोट से चुनाव हारे हैं। जोशी को भाजपा के कल्याण सिंह ने हराया। कल्याण को 62 हजार 216 वोट मिले। जबकि सी पी जोशी को 62 हजार 215 वोट ही मिल पाए। देश के सारे नेता इससे सबक लेंगे कि एक वोट ही उनको दिन में तारे दिखाने के लिए खूब है।
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6 comments:
बुरा हुआ बेचारे के साथ.
बेचारे
ओफ-ओ... होइहं वही जो राम रचि राखा।
इसी को कहते हैं भाग्य , चाहे कोई इसे माने या नहीं माने।
सच कहा आपने.
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डॉ.चन्द्रकुमार जैन
aapki baat haquiqat ko ujagar karti hai
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